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Shraddha Kapoor Movies
श्रद्धा कपूर का जन्म 3 मार्च 1987 मुंबई में हुआ है। इनके पिता का नाम अभिनेता शक्ति कपूर और माता का नाम शिवांगी कपूर है। श्रद्धा कपूर अपने पिता की ओर से पंजाबी वंश की है। और अपनी मां की ओर से मराठी और कोंकणी वंश की है। श्रद्धा कपूर का पालन पोषण मराठी सांस्कृतिक परिवेश में हुआ है। श्रद्धा कपूर के बड़े भाई सिद्धांत कपूर हैं। और उनकी दो मौसी पद्मिनी कोल्हापुरी और तेजस्विनी कोल्हापुरी है। जो दोनों भारतीय सिनेमा में अभिनेत्री है। श्रद्धा कपूर के नाना पंडित पंढरीनाथ कोल्हापुरे,लता मंगेशकर और आशा भोसले दोनो के चचेरे भाई-बहन थे।
Shraddha Kapoor Movies – श्रद्धा कपूर ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 2010 की थ्रिलर फिल्म तीन पत्ती से की। इस फिल्म में उनके साथ अमिताभ बच्चन, आर माधवन और बेन किंग्सले थे। इसके बाद उन्होंने 2011 में, लव का दा एंड फिल्म में अपनी पहली प्रमुख भूमिका निभाई। श्रद्धा कपूर को व्यावसायिक रूप से सफलता रोमांटिक फिल्म आशिकी 2 2013 से मिली। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार का नामांकन मिला।
उन्होंने बागी 3 में टाइगर श्रॉफ के साथ काम किया। 3 साल के अंतराल के बाद उन्होंने रणबीर कपूर के साथ लव रंजन की रोमांटिक फिल्म तू झूठी में मक्कार 2023 में अभिनय किया। इसके बाद उनकी अगली फिल्म 2024 में स्त्री 2 है। जो रिलीज के 5 दिनों के भीतर 2024 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली हिंदी फिल्म बनी।
Shraddha Kapoor First Movie
श्रद्धा कपूर ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 2010 की थ्रिलर फिल्म तीन पत्ती से की। इस फिल्म में उनके साथ अमिताभ बच्चन, आर माधवन और बेन किंग्सले थे। यह मूवी एक प्रसिद्ध गणितज्ञ प्रोफेसर वेंकट सुब्रमणियम ( अमिताभ बच्चन ) के इर्द गिर्द घूमती नजर आती है जिसका किरदार सुपर स्टार अमिताभ बच्चन ने निभाया है।
प्रोफेसर अपने एक सिद्धांत को प्रतिपादित करने के लिए प्रोफेसर शान्तनु ( आर माधवन ), छात्र सिड ( सिद्धार्थ खेर ), अर्पणा या अपु ( श्रद्धा कपूर ) और विक्रम ( ध्रुव गणेश ) को यादृच्छिक के सिद्धांत की पुष्टि के लिए तीन पट्टी का कार्ड खेल खेलने को बोलते हैं।
अपने सिद्धांत की पुष्टि के साथ ही साथ शांतनु के मन में लालच का आगमन होता है, जिसकी प्रतिपूर्ति के लिए वो अन्य सभी को कैसिनो में खेलने के लिए प्रेरित करता है। प्रोफेसर वेंकट ( अमिताभ बच्चन ) भी इस लालच के खेल में जाने से नहीं रोक पाते हैं। इसी के बाद शुरू होता है, चोरी, ब्लैकमेल , धोखा और अपने अपने रंग बदलने का सिलसिला।