Pati Patni aur Woh Webseries Story
Pati Patni aur Woh Webseries Story – इस वेब सीरीज की शुरुआत मथुरा के घाट के एक दृश्य से शुरू होती है। जहां पर इस कहानी के नायक श्रीमान मोहनलाल (अनंत विधांत शर्मा ) की पत्नी सुरभि ( विन्नी अरोरा ) के अंत्येष्टि संस्कार को दिखाया गया है। सुनकर आप लोगों को लग रहा होगा कि शुरू में ही यह वेब सीरीज sad करने वाली है बल्कि इसके उलट पहले शब्द से ही यह वेब सीरीज आपको गुदगुदाना प्रारंभ करती है।
मोहनलाल जिनकी एक्टिंग की तारीफ पहले सीन से ही होनी चाहिए। बीवी के गुजर जाने का दर्द उनके चेहरे से साफ झलक रहा है, इसके साथ ही साथ हो रही घटनाओं पर उनके चेहरे के बदलते भाव दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर रहे हैं। मोहनलाल के दोस्त 3G ( सक्षम शुक्ला ) के कुछ गड़बड़ी के कारण सुरभि के अंत्येष्टि में बाधा आ जाती है फिर पंडित जी जिनका किरदार श्रीमान यशपाल शर्मा जी ने बखूबी निभाया है। उनका कहना है “जब सुरभि जी तेरी ही नहीं तो तरेंगी कैसे?” उनके इस वाक्य में ही पूरी कहानी का सार निकल आया ।
इसके तुरंत बाद वाले सीन में हम श्रीमान मोहनलाल को अपने लिए रिश्ता ढूंढते हुए देखते हैं। वह भी 13 दिन के अंदर ही और इसके लिए उन्हें कोई भी शर्त लड़की वालों की मंजूर थी। सुरभि की तेरही पर ही शादी करने की उनकी ज़िद्द से सब परेशान और हैरान थे और इसी बात से कई लड़कियों के घर से उसे निकाल दिया जाता है ।
फिर फाइनली एक रिश्ता मिल ही जाता है, तेर ही के दिन शादी करने के लिए । इस शादी और तेरे ही के रहस्य का उद्घाटन बड़े ही नाटकीय ढंग से तेरे ही के दिन ही किया गया । जब सुरभि की आत्मा को घर में घूमते और मोहनलाल से बात करते हुए दिखाया गया । जिसमें यह बताया गया है कि सुरभि ने मोहनलाल से वादा लिया था कि उसके मरने के बाद दूसरी शादी करने के लिए । इसीलिए उसकी आत्मा भटक रही है । शादी होते ही उसकी आत्मा को शांति मिल जाएगी ।
लेकिन वह कहते हैं न कि ‘wife is a always wife.’ – चाहे जिंदा हो या उसकी आत्मा । और इसी वजह से सुहागरात पर जैसे ही मोहन रिमझिम को देखते ही उस पर मोहित हो जाता है और इधर सुरभि की मुक्ति उसकी ईर्ष्या के कारण बाधित हो जाती है । अब वह अपनी मुक्ति के लिए मोहन के सामने एक नई शर्त रखती है कि रिमझिम को छोड़ दें और इसके साथ ही उसे रिमझिम के पास भी नहीं जाना है । Pati Patni aur Woh Webseries Story
इसमें, दृश्य के हिसाब से गाने को भी फिट किया गया है जो कि संगीत और लिरिक्स के हिसाब से मूड को रिफ्रेश करने वाला है । इधर रिमझिम मोहन के अनमने व्यवहार को समझने की कोशिश में लगी है और इसके साथ ही शुरु होता है दो पत्नियों के बीच ……. अरे सॉरी सॉरी …. दो पत्नियों के बीच नहीं बल्कि एक भूतिया पत्नी और एक जिंदा पत्नी के बीच द्वंद ।
सुरभि, मोहन को रिमझिम की खूबसूरती से दूर रखने की जद्दोजहद कर रही है, उधर रिमझिम अपनी खूबसूरती से ही मोहन को पास बुलाने की कोशिश कर रही है। इस कहानी में नया मोड़ तब आता है जब यह पता चलता है कि रिमझिम को सुरभि की आत्मा के होने का आभास पहले से ही था ।
इसके बाद देखना काफी दिलचस्प होगा कि दोनों में कौन अपने मकसद में कामयाब होगा ? साथ ही साथ और भी कई सवाल मैं यहां आप लोगों के लिए छोड़े जा रही हूं ताकि वह सवाल आपको इस गुदगुदाने वाली सीरीज को देखने के लिए मजबूर करें । जैसे कि क्या सुरभि को मुक्ति मिलेगी भी या नहीं ? अगर मिलेगी तो कैसे ? क्या वह अपनी इच्छा से मुक्ति लेगी या फिर जबरदस्ती उसे इसके लिए विवश किया जाएगा ? और आखिर करेगा भी कौन – मोहन या रिमझिम ?