Asif Khan washed dishes at kareena weddiing
फुलेरा गांव के दामाद यानी आसिफ खान अब किसी पहचान के मोहताज नहीं है। उनका ‘गजब बेज्जती है’… यह डायलॉग बहुत फेमस हो चुका है, लेकिन आसिफ कहते हैं कि इस मंजिल तक पहुंचाने के लिए मुझे बहुत पापड़ बेलने पड़े हैं। मैने एक हेल्पर की तरह भी काम किया है। आसिफ ने बताया कि उनके पिता के गुजर जाने के बाद उन्हें सपोर्ट करने वाला कोई नहीं था। इसलिए गुजारा करने के लिए उन्हें छोटे-मोटे काम करने पड़ते थे।
उन्होंने कहा मुंबई जैसे शहर में जिंदा रहने के लिए मैं होटल में वेटर के तौर पर काम किया और कुछ महीने बाद मैं किचन डिपार्टमेंट में भी काम कर रहा था। उसी दौरान वहां एक पार्टी भी हुई, जो कि सैफ अली खान और करीना कपूर के शादी के रिसेप्शन की थी। वहां के मेन्यू पर मैने काम किया था।Asif Khan washed dishes at kareena weddiing
इसके बाद मैं वहां काम छोड़कर मॉल में भी जॉब की। और इसी के साथ में ऑडिशन देने लगा। मैंने अपनी मां को बताया कि मैं एक्टर बनना चाहता हूं। मेरी मां ने मेरा साथ दिया। मैं जॉब करते हुए थिएटर ज्वाइन किया और कास्टिक असिस्टेंट के तौर पर शुरुआत की। उसके बाद टॉयलेट एक प्रेम कथा, परी, पगलेट जैसी फ़िल्में मैंने की।